- जिनके कंधों पर llचढ़ बीजेपी ( भारतीय जनता पार्टी) फर्श से अर्श तक पहुंची वह सत्ता के नशे में चूर होकर क्षत्रिय समाज lके विषय में अभद्र भाषा का प्रयोग कर रही है ये वही समुदाय है जिन्होंने इस पार्टी को शून्य से 300पार के आंकड़ों को तक पहुंचाया..
बात पुरुषोत्तम रूपला के 22 मार्च 2024 को दिए बायन की कर रहे है. पुरुषोत्तम रूपला ने एक सभा को संबोधित करते हुए क्षत्रिय समाज के अभद्र टिप्पणी करते हुए कहा कि ब्रिटिश काल में राजाओं और महाराजाओं ने भी अपना सिर झुका लिया था और उनके साथ रोटी और बेटी का संबंध बना लिया था. अंग्रेजो के सामने क्षत्रिय समाज नतमस्तक होगया था . इसके आगे उन्होंने कहा की दलित समाज अड़े रहा वे झुके नहीं।
रुपाला के इसी बयान को लेकर गुजरात में विवाद हो रहा है। करणी सेना के साथ-साथ दूसरे क्षत्रिय संगठनों ने इस बयान पर आपत्ति जताते हुए रुपाला के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
क्षत्रियों के इस अपमान की आग अब गुजरात तक सीमित नहीं रह गई है यह गुजरात से आगे बढ़ राजस्थान ,उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश के कई जिलों में भाजपा और राजकोट से उम्मीदवार
पुरुषोत्तम रूपला के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे है ।
सवाल यह है की क्या छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के बघेलखंड के क्षत्रियों के संगठन मौन रहकर भाजपा का साथ देंगे या इस अभद्र टिप्पणी के खिलाफ एक जुट होंगे..
अंग्रेजी में एक शब्द है ‘पॉलिटिकली करेक्ट’, जिसका अर्थ होता है कि बोलचाल या व्यवहार में सभी वर्ग का ध्यान रखा जाए और किसी को अपमानित करने से बचा जाए. यह शब्द इस वक्त गुजरात की राजकोट लोकसभा सीट के लिए प्रासंगिक हैं, क्योंकि यहां से बीजेपी के उम्मीदवार पुरुषोत्तम रुपाला ने कुछ ऐसी बात कह दी जिसे राजनीति की जबान में पॉलिटिकल इनकरेक्ट कहा जा सकता है.
गुजरात की राजकोट संसदीय सीट इस वक्त चर्चा का केंद्र बनी हुई है और इस सीट को लेकर एक सस्पेंस है कि क्या बीजेपी यहां से अपना उम्मीदवार बदलेगी? बीजेपी ने यहां से केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला को उतारा है. लेकिन उनके एक बयान से विवाद हो गया है. बीते हफ्ते भर से क्षत्रिय समुदाय इस मांग के साथ प्रदर्शन कर रहा है कि बीजेपी राजकोट से अपना उम्मीदवार बदले.