छत्तीसगढ़बिलासपुर

मधुलिका सिंह के ऊपर तीन प्लेसमेंट ठेका श्रमिकों को नियम विरुद्ध नियमितीकरण का लाभ पहुँचाने का गंभीर आरोप?

रतनपुर सीएमओ के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की माँग…?

  • प्लेसमेंट श्रमिकों पर मेहरबानी दैवेभो पर कुठाराघात?
  • निरंकुश निकाय प्रशासन जनहित के मुद्दे हाशिये पर?
  • बिलासपुर/रतनपुर. नगरपालिका रतनपुर का प्रभार ग्रहण करते ही नगरीय चुनाव में अध्यक्ष पद के प्रत्याशी को पूर्ववर्ती कार्यकाल के दौरान आडिट आपत्ति में आर्थिक गड़बड़ी के बावजूद अनापत्ति प्रमाण पत्र देने, कोरोना के भीषण महामारी में गरीबों के हिस्से की चाँवल अफरातफरी में आरोपी अध्यक्ष को सहयोग करने, कोविड वैक्सीनेशन के दौरान अपने पारिवारिक सदस्यों का वीआईपी जाँच अराने के नाम पर ईमानदार एवं कर्तव्यनिष्ठ चिकित्सा अधिकारी को अपमानित करने तथा वर्तमान में ब्लॉक काँग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं वार्ड 14 के पार्षद तथा वार्डवासियों के साथ विवाद करने वाली मुख्य नगरपालिका अधिकारी मधुलिका सिंह के ऊपर तीन प्लेसमेंट ठेका श्रमिकों को नियम विरुद्ध नियमितीकरण का लाभ पहुँचाने का गंभीर आरोप सामने आ रहा है।
  • उपलब्ध दस्तावेजों तथा जिलाधीश बिलासपुर के समक्ष प्रस्तुत शिकायत के अनुसार मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा उच्च न्यायालय बिलासपुर में नगरपालिका रतनपुर की विधिक सलाहकार श्रीमती मधुनिशा सिंह के सहयोग से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ठेका श्रमिकों को दैवेभो कर्मचारी निरुपित कर नियमितीकरण का लाभ देने का उपक्रम किया जा रहा है।
    नियमितीकरण के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा गाईडलाईन परिपत्र क्र. 12-1/2007/ 1-3 दिनाँक 05. 03. 2008 के अनुसार 01.01.1989 से दिनाँक 31. 12. 1997 की अवधि में नियुक्त दैवेभो/ तदर्थ कर्मचारियों को ही नियमितीकरण की पात्रता होने का उल्लेख है। जबकि उपरोक्त तीनों श्रमिक 2008-09 के दौरान निकाय में बतौर ठेका श्रमिक भर्ती हुए थे।
    शिकायतकर्ता के अनुसार मुख्य नगरपालिका अधिकारी मधुलिका सिंह तथा नगरपालिका रतनपुर की विधिक सलाहकार मधुनिशा सिंह के इस षड़यंत्र में नगरपालिका परिषद भी शामिल है। परिषद के पीआईसी बैठक दिनाँक 09. 04. 2021 के कंडिका 5 मे उक्त कर्मचारी जो पात्रता ही नहीं रखते के नियमितीकरण के संबंध में विधिक सलाहकार से अभिमत की माँग किया गया है।
    शिकायत में शिकायतकर्ता द्वारा विधिक सलाहकार मधुनिशा सिंह पर नैसर्गिक न्याय प्रणाली के विपरीत वादी तथा प्रतिवादी दोनों के तरफ से पैरवी करने तथा माननीय उच्च न्यायालय में कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत कर कोर्ट को गुमराह करने का गंभीर आरोप आयद किया गया है।