सारंगढ़ के राधाकृष्ण हॉस्पीटल पर 13 लाख का जुर्माना व सस्पेंड, मरीज़ों के नाम पर ग़लत बिलिंग कर कमाया पैसा
सारंगढ़। गरीबों को सहज और सुलभ स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार कई योजनाएं चलाती है। निजी अस्पताल भी इसमें पंजीकृत होते हैं। कई अस्पताल इन योजनाओं में भी गड़बड़ी करते हैं। अस्पतालों में सरकारी योजनाओं का सालाना ऑडिट होता है जिसमें रायगढ़ के दो अस्पतालों में गड़बड़ी मिली है। एक अस्पताल को तीन महीने के लिए सस्पेंड किया गया और दूसरे को सस्पेंशन के साथ 13 लाख की पेनाल्टी लगाई गई है।
मामला आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना व डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना का है। इन योजनाओं में गड़बड़ी करने वाले अस्पतालों की शिकायत भी होती है। बिलिंग में गड़बड़ी करके सरकार से अतिरिक्त भुगतान भी लिया जाता है। हर साल सरकारी योजनाओं के लिए अस्पतालों का ऑडिट कराया जाता है। एक महीने पूर्व ही सभी अस्पतालों का ऑडिट हो चुका है। इस दौरान 13 अस्पतालों में गड़बड़ी मिली। सूची में रायगढ़ के भी दो अस्पताल हैं।
पुसौर के लोकेश हॉस्पिटल और सारंगढ़ के राधाकृष्णा मल्टीस्पशलिटी हॉस्पिटल में अनियमितता पाई गई। ऑडिट में गड़बड़ी मिलने पर लोकेश हॉस्पिटल को योजना से तीन महीने के लिए निलंबित किया गया था। जबकि राधाकृष्णा हॉस्पिटल को तीन महीने के लिए सस्पेंड करने के अलावा 13.10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। बताया जा रहा है कि ऑडिट में मरीजों के नाम पर गलत बिलिंग का मामला भी सामने आया था। सराईपाली के भारती हॉस्पिटल को एक साल के लिए निष्कासित किया गया।
सरकारी कर्मचारियों के लिए घट रहे अस्पताल सरकारी कर्मचारियों और उनके आश्रितों के इलाज के लिए 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक राज्य व बाहर के अस्पतालों को मान्यता दी गई है। इसमें रायगढ़ के अपेक्स हॉस्पिटल और आरएल हॉस्पिटल को ही रखा गया है। पिछले साल की तुलना में रायगढ़ में अस्पताल कम हो गए हैं।