छत्तीसगढ़बिलासपुर

खान सुरक्षा के प्रावधानों एवं पर्यावरण की शर्तों का पालन तथा खनिज के परिवहन के सम्बन्ध मे कार्यशाला का आयोजन किया।


खदान संचालक व ट्रांसपोर्टरों की दो दिवसीय कार्यशाला

खनन, परिवहन और प्रदूषण से जुड़े नियम कायदों की दी जा रही जानकारी


बिलासपुर, 7 फरवरी 2024/कलेक्टर बिलासपुर के निर्देश पर दिनांक 7 एवं 8 फरवरी 2024 को मंथन सभाकक्ष मे पर्यावरण स्वीकृति का री अप्रेसल, खान सुरक्षा के प्रावधानों एवं पर्यावरण की शर्तों का पालन तथा खनिज के परिवहन के सम्बन्ध मे कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यशाला के प्रथम दिन आज 7 फरवरी को श्री आर के सिंग, निदेशक खान सुरक्षा द्वारा खान सुरक्षा निदेशालय के द्वारा किये जाने वाले कार्यों की विस्तृत जानकारी देते हुऐ खदानों के सुरक्षित संचालन हेतु क्या क्या उपाय किया जाना आवश्यक है, बेच की ऊचाई, स्लोप कैसा हो, कर्मचारियों की सुरक्षा के क्या उपाय किया जाना आवश्यक है, जान माल की दुर्घटना से कैसा बचना आवश्यक है, किस किस स्थिति में तत्काल प्रभाव से खदाने बंद कराई जा सकती है इत्यादि विषय पर विस्तृत जानकारी दी गई।
श्री अरुण कुमार, उप संचालक खान सुरक्षा द्वारा एम एम आर 1961 मे किसी भी खदान के संचालन के सम्बन्ध मे प्रावधानों की जानकारी देते हुए यह बताया की खदान संचालन प्रारम्भ, कुछ समय बंद रखना है, बंद करने के बाद फिर शुरू करना है तो हर स्थिति की जानकारी खान सुरक्षा को देना आवश्यक होने की जानकारी दी, खदान मे कार्य करने वाले मजदूरों की सुरक्षा, स्वास्थ्य परिक्षण कराने, उन्हें क्या क्या बीमारी हो सकती है के सन्दर्भ मे विस्तृत जानकारी दी।
श्री दिनेश मिश्रा, उपसंचालक खनिज तथा श्री देवव्रत मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी, पर्यावरण संरक्षण मण्डल बिलासपुर ने जिला स्तर पर 15.01.2016 से 13.09.2018 के मध्य जिला स्तरीय पर्यावरण समाघात (दिया) से जारी पर्यावरण स्वीकृति का री अप्रेसल राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (सीया) से कराया जाना आवश्यक है, की जानकारी देते हुये इस हेतु क्या क्या दस्तावेजों की अवश्यकता है तथा इसे पोर्टल के माध्यम से कैसे अप्लाई किया जाना है की जानकारी विस्तृत रूप से दी तथा खदान संचालकों को इस विषय पर आ रही दिक्कतों का समाधान भी बताया।
इस कार्यशाला मे खनिज अधिकारी श्री अनिल साहू, खनी निरीक्षक श्री राहुल गुलाटी,बिल्हा, तखतपुर के डोलोमाइट खदान संचालक, मस्तूरी एवं कोटा क्षेत्र के खदान संचालक उपस्थित थे।