छत्तीसगढ़दुर्ग

छत्तीसगढ़ में पत्रकारों के अधिमान्यता में हो रहा फर्जीवाड़ा,क्या शासन करेगी इन पर कार्यवाही ?

(पत्रकार राकेश तम्बोली की रिपोर्ट)

  छत्तीसगढ़ शासन के सोच व राजस्व पर विश्वसनीय लोगों ने पहुंचाई चोट

  चयन कमेटी के सदस्यों ने किया भूपेश बघेल की  सरकार से कुठाराघात

  क्या शासन इस फर्जीवाड़े पर करेगी एफआईआर

दुर्ग | छत्तीसगढ़ शासन भूपेश बघेल सरकार के सोच के अनुसार छत्तीसगढ़ के अनुभवी योग्य पत्रकारों को जनसंपर्क विभाग द्वारा अधिमान्यता प्रदान कर उन्हें विशिष्ट पत्रकारों की श्रेणी में शामिल किया जाना था। अधिमान्यता का मतलब यह है कि सरकार  इन अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को पेंशन सहित अन्य कई प्रकार की लाभकारी योजनाएं शासन ने देने की योजना तय की है। इसके तहत शासन द्वारा कई समितियां प्रदेश स्तर पर बनाई है। जिसकी अनुशंसा पर संबंधित जनसंपर्क कार्यालय द्वारा उन चयनित पत्रकारों की सूची शासन को भेज दी जाती है जिसे छत्तीसगढ़ शासन जनसपंर्क कार्यालय द्वारा अधिमान्यता की सूची में शामिल कर लिया जाता है।
अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को मिलने वाली लाभकारी योजनाओं को देखते हुए कई पत्रकारों द्वारा फर्जी प्रमाणपत्र उन समितियों को देकर साथ ही उन समितियों के सदस्यों को लालच देकर जनसंपर्क कार्यालय भेजने वाली अधिमान्यता के लिए चयनित पत्रकारों की सूची में डलवा लिया जाता है। ऐसे में शासन को नुकसान तो होता ही है साथ ही योग्य और उचित पत्रकार अधिमान्यता की सूची में आने से वंचित हो जाते हैं।
विगत दिनों इससे संबंधित मामला ने काफी हो हल्ला मचाया है। जिसमें यह पता चला है कि वे पत्रकार को अधिमान्यता प्रदान की गई है जो कि अपने स्थान को प्रतिनिधित्व करते ही नहीं। सीधे शब्दों में वे कहीं रहते और हैं और उनका कार्य क्षेत्र भी वहीं चलता है। लेकिन उन्होंने कई ऐसे फर्जी दस्तावेज उन अधिमान्यता के लिए चयनित करने वाले समिति में दिये हैं जहां से उन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उन्हें गलत रूप से उन्हें चयनित कर लिया गया।
एक ही परिवार से कई लोगों कको मिली अधिमान्यता 
विश्वस्त जानकारी के अनुसार कई ऐसे पत्रकार है जिन्होंने अपनी दबंगई के चलते अपने परिवार के लोगों को अधिमान्यता दिलवाई है जिससे उनके परिवार के सदस्यों को शासन का सभी  लाभ मिल सके |उन्होंने ऐसा कोई कोई कार्य नहीं किया है की उनसे जुड़े पत्रकारों को किसी भी प्रकार का लाभ दिलवा सकें |कई जगह तो ये देखा गया है कि जिस  संस्था ,जिस व्यक्ति ,जिस परिवार से कोई पत्रकार जुडा है आज भी वो बदहाल है किसी भी तरह से उनको कोई सहायता किसी से भी नहीं मिल पाई है |