छत्तीसगढ़बिलासपुर

ग्राम कर्मा में गिट्टी खदान खोलने का विरोध 2007 से बंद क्रेशर को फिर से चालू करने नही दिया जायेगा-: अंकित गौरहा

ग्राम कर्मा में गिट्टी खदान खोलने का विरोध..सभापति गौरहा ने कहा..कलेक्टर मंत्री को बताएंगे विरोध का कारण

बिलासपुर -:- बिल्हा ब्लॉक ग्राम पंचायत कर्मा और रामपुर के लोगों ने पुरानी में बंद क्रेशर शुरू किए जाने का विरोध किया है। जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा समेत दोनों गांव के लोगों ने बताया कि 2007 से बंद क्रेशर को एक बार फिर चालू करने की कोशिश की जा रही है लेकिन किसी भी सूरत में खोलने नहीं दिया जाएगा। कलेक्टर से लिखित शिकायत कर जनहित में स्टोन क्रेशर को दुबारा शुरू नहीं किए जाने की मांग करेंगे।

                         जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने बताया कि रामपुर और कर्मा के बीच बंद पड़े पुराना स्टोन क्रेशर को दुबारा शुरू किए जाने की जानकारी ग्रामीणों से मिली है। ग्रामीणों ने बताया कि स्टोन क्रेशर को दुबारा नहीं खुलने दिया जाए। मामले में दोनो पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने बैठक कर ग्रामसभा में स्टोन क्रेशर नहीं खोले जाने प्रस्ताव पास किया है। मामले की जानकारी से खनिज अधिकारी को भी अवगत करा दिया गया है।

                                    जिला पंचायत सभापति ने बताया कि ग्राम पंचायत कर्मा और रामपुर के बीच खाली सरकारी जमीन में 2002 से 2007 तक गिट्टी खदान शासकीय जमीन को लीज में लेकर संचालित किया जाता रहा है। बाद में खदान बन्द हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि एक बार फिर स्टोन क्रेशर शुरू किए जाने की चर्चा है। ग्रामीण चाहते हैं कि स्टोन क्रेशर को दुबारा अनुमति नहीं दिया जाए। इस बात को लेकर ग्रामीणों के पास वाजिब कारण भी है।

                दोनो ग्राम पंचायत एक दूसरे से जुड़े हैं। 2008 से गिट्टी खदान पूरी तरह से बंद है। इसके बाद खाली जमीन पर स्थानीय लोगों की मांग पर शासन ने शासकीय हॉस्पीटल का निर्माण किया है। जमीन के कुछ हिस्से पर धान खरीदी केन्द्र का संचालन होता है। साल  2008 से यहां लगातार धान की खरीदी हो रही है। बन्द पड़े स्टोन क्रेशर के पास ही हाईस्कूल करमा का बिल्डिंग भी है। गिट्टी खदान के पास ही ग्राम पंचायत रामपुर के मिडिल स्कूल का भी संचालन हो रहा है।

            अंकित ने कहा कि ग्राम पंचायत करमा का खाद गोदाम भी स्टोन क्रेशर से लगा हुआ है। इस तरह सारे शासकीय सम्पत्ति गिट्टी खदान से 100 मीटर के दायरे में है। समय के साथ गिट्टी खदान के आस पास सघन बस्ती भी बस गयी है। बस्ती में बहुत बड़ी आबादी निवास करती है। ऐसी सूरत में बन्द गिट्टी खदान को दुबारा खोलना अनुचित है। नियमानुसार गिट्टी खदान को खोला भी नहीं जा सकता है।

               गिट्टी खदान खोले जाने के विरोध में 2 अक्टूबर को ग्राम पंचायत करमा में ग्रामसभा का आयोजन किया गया था। उपस्थित सभी लोगों ने एक सुर में खदान खोले जाने का विरोध किया। गौरहा ने बताया कि सोमवार को कलेक्टर और खनिज अधिकारी से मुलाकात कर खदान को अनुमति नही दिए जाने की मांग करेंगे जरूरत पड़ी तो ग्राम कर्मा के सरपंच सरोज कश्यप व रामपुर सरपंच संतोष पटेल व ग्रामीणों की समस्याओं से पंचायत मंत्री जी को अवगत कराएंगे करेंगे।