गौरेला पेंड्रा मरवाहीछत्तीसगढ़

भ्रष्टाचार में लिप्त एसडीओ संजय त्रिपाठी व प्रभारी रेंजर दरोगा सिंह मरावी को मुख्य वन संरक्षक राजेश चंदेले का संरक्षण?

(रितेश गुप्ता की रिपोर्ट)

मरवाही: भ्रष्टाचार में लिप्त एसडीओ संजय त्रिपाठी व प्रभारी रेंजर दरोगा सिंह मरावी को मुख्य वन संरक्षक राजेश चंदेले का संरक्षण…भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारी से लेकर अधिकारी..?

मरवाही: मरवाही वनमंडल में पैसों का खेल किस तरह हावी है, इसका अंदाजा इस समय विभाग के कार्यप्रणाली से लगाया जा सकता है। कमीशन खोरी इतनी हावी है की प्रधान मुख्य वन संरक्षक के आदेशों को दरकिनार कर मुख्य वन संरक्षक राजेश चंदेले अपनी मनमानी करने में लगे हुए है …वर्तमान डीएफओ के पत्र को भी दरकिनार कर राजेश चंदेले भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं

बता दे की प्रधान मुख्य वन संरक्षक रायपुर द्वारा स्पष्ट आदेश जारी किया गया है की अनुमति अनुमोदन के वन क्षेत्रपाल/उपक्षेत्रपाल को परिक्षेत्र का प्रभार न देवे , बावजूद आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए मरवाही वन परिक्षेत्र में लगातार तीन वर्षों से रेंजर के पद पर डिप्टी रेंजर दरोगा मरावी को पदस्थ किया गया है.

जबकि मरवाही वन मंडल के नवनियुक्त डीएफओ पटेल द्वारा मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर को पत्राचार कर दरोगा सिंह मरावी को मरवाही वन परिक्षेत्र से हटाकर किसी अन्य योग्य परिक्षेत्र अधिकारी की नियुक्ति करने का अनुरोध किया गया है जिससे की परिक्षेत्र से संबंधित शासकीय कार्यों का सुचारू रूप से संचालन किया जा सके..उसके बाद भी मुख्य वन संरक्षक राजेश चंदेले द्वारा डीएफओ के पत्र को नजरंदाज करना कही न कही राजेश चंदेले की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है.साथ ही प्रधान मुख्य वन संरक्षक रायपुर के स्पष्ट आदेश की अवहेलना भी मुख्य वन संरक्षक द्वारा खुलेआम की जा रही है.

विश्वस्त सूत्रों ने बताया की मरवाही वन परिक्षेत्र में डिप्टी दरोगा मरावी को रेंजर पद पर आसीन करने के पीछे मुख्य वन संरक्षक राजेश चंदेले , एसडीओ संजय त्रिपाठी की सोची समझी साजिश है …जिससे की किये गए गबन ,फैलाए गए गंदगी को साफ करते हुए लीपापोती की जा सके..एसडीओ संजय त्रिपाठी को मुख्य वन संरक्षक राजेश चंदेले का सीधा संरक्षण प्राप्त है जिसके वजह से ही संजय त्रिपाठी को फिर से मरवाही का एसडीओ बनाया गया है जिससे की अच्छी खासी रकम का गबन किया जा सके..

अधिकारी व कर्मचारी पैसों के खेल में इस कदर संलिप्त हो गए हैं कि ट्रांसफर होने के बाद भी जाने को तैयार नहीं होते । दरोगा मरावी को संजय त्रिपाठी का एटीएम मशीन भी कहा जाता है….अब देखना दिलचस्प होगा की प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा क्या कार्यवाही की जाएगी…