गुजरात

25 करोड़ कुर्मियों की एकता और सामाजिक पुनरुत्थान के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्तर पर एक शक्तिशाली गैर-राजनीतिक संगठन बनाया जाएगा।

कुर्मी समाज को एक छत के नीचे लाने के लिए उमिया कैंपस – सोला में दस से अधिक राज्यों के कुर्मी-पाटीदार नेताओं की दो दिवसीय मंथन बैठक हुई, जिसमें एक शक्तिशाली संगठन बनाने का सर्वसम्मत निर्णय लिया गया।

सर्वोच्च आस्था के केंद्र उमाधाम उंझा मंदिर और विश्व उमिया धाम में बाहरी राज्यों से आए कुर्मी समुदाय के नेताओं का स्वागत और सम्मान किया गया।

(गोविन्द शर्मा पत्रकार)

अहमदाबाद: हर राज्य में रहने वाले और कृषि क्षेत्र में शामिल कुर्मी-कुनबी-कानबी-कुर्मी मराठा-कम्मा-पाटीदार समुदायों को एक बैनर के नीचे लाने के उद्देश्य से उमिया कैंपस, सोला में दो दिवसीय चिंतन शिविर उंजा मंदिर के तहत सोला उमिया कैम्पस में किया गया जिसमें दस राज्यों के कुर्मी समुदाय के सामाजिक नेता उपस्थित हुए और 25 करोड़ से अधिक कुर्मी भाई बहनों की एकता स्थापित करने के नाम से राष्ट्रीय स्तर पर एक शक्तिशाली संगठन बनाने का निर्णय लिया। इस दो दिवसीय विचार शिविर का आयोजन पिछले तीन दशकों से पाटीदार समाज के सभी संगठनों में सेवा दे रहे उमेशभाई हांसलिया एवं युवा नेता संजयभाई पटेल ने किया था।

8 अप्रैल और 9 अप्रैल को दो दिवसीय चार सत्रों में कुर्मी पाटीदार समाज के विभिन्न विषयों पर उपस्थित सभी सामाजिक नेताओं ने विचार किया और समाज की समस्याओं और उनके समाधान और संगठन के माध्यम से सामाजिक नीति बनाने की आवश्यकता के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए। और उन पर जोर दिया गया था। कुर्मी पाटीदार समुदाय के कई संगठन भले ही पिछले कई दशकों से देश में काम कर रहे हैं, लेकिन स्थिति यह है कि यह समुदाय आज भी अपनी पहचान और अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है. 25 करोड़ की आबादी वाले और देश के अधिकांश हिस्सों में कृषि क्षेत्र से जुड़े इस समुदाय लोकतंत्र के चार स्तंभ, संसद, न्यायपालिका, नौकरशाही और मीडिया में अपनी आबादी के उत्पात अनुसार पैठ स्थापित नही कर पाया है इसलिए अब सामाजिक क्रांति की आवश्यकता उत्पन्न हुई हैं । आपसी सहयोग के लिए विभिन्न परियोजनाओं को शुरू करने पर जोर दिया गया प्रत्येक क्षेत्र में। देश भर के हर राज्य में रहने वाले इस उत्कर्ष, उद्यमी और उद्यमशील समाज में भविष्य में रोटी-बेटी व्यहवार शुरू कर सामाजिक एकता की नींव रखने के लिए एक विशेष कार्य समिति का गठन किया गया है। शंकरभाई पाटीदार (रतलाम), रामानुज पटेल (रीवा), चिराग पटेल (पास), देवल पाटीदार (इंदौर), महेश पाटिल (कोल्हापुर), सतीश कदम (सतारा), संजीव पटेल (शाहजहाँपुर), रविशंकर राव (हैदराबाद) उपस्थित थे। इस विचार गोष्ठी में हरीश चंद्र पटेल (प्रयाग राज, यूपी), गुणानंद महतो (रांची, झारखंड), प्रीतम सिंह पटेल (बिहार), विश्वजीत पटेल (छ.ग.), मनोज सिंह पटेल (बनारस यूपी), अमित पटेल (मुंबई), रोहन सर देसाई (गोवा) अशोकभाई दलसानिया (राजकोट), अमोल महादिक (सांगली, महाराष्ट्र), प्रकाशभाई पटेल (कथलाल), संजीव पाटिल, दिनकर महादिक (सांगली), विमलकुमार सिंह (इलाहाबाद) और अन्य नेता उपस्थित थे और अपने विचार प्रस्तुत किए।

अहमदाबाद के सोला कैंपस में आयोजित इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, महाराष्ट्र राज्यों के सामाजिक संगठनों से जुड़े कुर्मी समुदाय के प्रतिनिधि मौजूद थे. इस विचार सभा को अमेरिकी मूल के पाटीदार भामाशा और पाटीदार समुदाय के एक शानदार नेता सीके पटेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया। देश के 22 राज्यों में फैले 25000 से अधिक पत्रकारों के विशाल संगठन एबीपीएसएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष जिग्नेश पटेल ने मुख्य समन्वयक के रूप में इस दो दिवसीय विचार गोष्ठी का संचालन किया. विभिन्न राज्यों के कुर्मी समुदाय के नेताओं ने अहमदाबाद स्थित विश्व उमिया धाम और उंझा में स्थित उमिया माताजी मंदिर का दौरा किया, जो पाटीदार समुदाय की सर्वोच्च आस्था का केंद्र है। उमिया माताजी संस्थान, उंझा ने रमेशभाई दुधवाला ( ट्रस्टी- उमिया माताजी संस्थान, उंझा) जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर सभी कुर्मी नेता माताजी के दर्शनों से अभिभूत हो गए।इस पूरी योजना को सफल बनाने में दर्शित पटेल, संजय खिरसारिया, तेजस पटेल, पत्रकार रमेशभाई धरसंडिया, मनीष थुम्मर, श्याम पटेल सहित पाटीदार समाज के युवा नेताओं ने जी तोड़ मेहनत की। आयोजकों द्वारा बताया गया कि नये संगठन के उद्देश्य, स्वरूप और कार्य पद्धति की घोषणा निकट भविष्य में प्रेस वार्ता कर की जायेगी.