छत्तीसगढ़रायपुर

मेरी ‘तरक्की’ कर्ज में डूबी है, लगता है…
कई सालों से मेरी ‘मेहनत’ नहीं बिकी… (वरिष्ठ पत्रकार शंकर पाण्डेय जी की कलम से)

मेरी ‘तरक्की’ कर्ज में डूबी है, लगता है…
कई सालों से मेरी ‘मेहनत’ नहीं बिकी…

छ्ग की भूपेश सरकार पर कर्ज लेने तथा प्रदेश की आर्थिक स्थिति दिवालिया होने की कगार पर होने का आरोप प्रदेश भाजपा लगाती रहती है पर देश की मोदी सरकार द्वारा कर्ज लेने पर भाजपाई चुप्पी साध लेते हैँ वहीं केंद्र से राज्य को मिलने वाली बकाया राशि क़े मामले में भी भाजपा के नेता आवाज़ उठाने की हिम्मत नहीं करते हैँ …वैसे पेशे से किसान छ्ग क़े सीएम भूपेश बघेल किसानों का कर्ज, खेती में खर्च, खेती से आमदनी का हिसाब किताब बखूबी समझते हैँ। उनका कहना है कि उनकी सरकार किसानों, मजदूरों, मजबूरों, दलितों सहित छ्ग क़े विकास क़े लिए कर्ज लेतीहैँ….लेपटॉप ,
मोबाईल,स्काईवाक आदि क़े लिए नहीं…..?

भूपेश पर आरोप..
मोदी पर चुप्पी क्यों….

भूपेश बघेल की सरकार बनने क़े पहले 16 दिसम्बर 2018 की स्थिति में सरकार पर 41 हजार 695 करोड़ रुपए का कर्ज था।प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के सवाल के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया था कि दिसम्बर 2018 से 24 नवम्बर 2021 तक सरकार ने 51 हजार 335 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। यह कर्ज भारतीय रिजर्व बैंक की उधारी है। नाबार्ड से लिया गया और केंद्र सरकार ने उपलब्ध कराया है। हालात ऐसे हैं कि सरकार को हर साल करीब 5 हजार करोड़ रुपए से अधिक का केवल ब्याज चुकाना पड़ रहा है। खैर एक नारा बहुत चर्चित हुआ था “अच्छे दिन आने वाले हैँ ” प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी ने 15 लाख तो दिए नहीं दिये बल्कि भारत को एक लाख करोड़ का कर्जदार जरूर बना दिया….. वित्‍त मंत्रालय ने एक रिपोर्ट में बताया है कि दिसंबर तिमाही तक सरकार पर कुल कर्ज का बोझ बढ़कर 128.41 लाख करोड़ रुपये हो गया है.इस लिहाज से देश के हर नागरिक पर 98,776 रुपये का कर्ज लदा है. यह आंकड़ा भी दिसंबर 2021 तक का हैं आज तो प्रति व्यक्ति एक लाख रुपए का कर्ज़ मोदी सरकार चढ़ा चुकी हैं देश की जनसंख्‍या है लगभग 130 करोड़ और सरकार पर कर्ज है करीब 130 लाख करोड़?यानि भारत के हर नागरिक पर औसत एक लाख का कर्ज…यही थे अच्छे दिन…. , जिसे दिखाने का वादा हमसे किया गया था, ……? भाजपा और मोदी कितने ही राज्यो के चुनाव क्यों न जीत जाए, चाहें वह 2024 भी जीत जाए?लेकिन उससे यह हकीकत नही बदल जाएगी कि देश की अर्थव्यवस्था का भट्ठा बिठा दिया गया है….आज 2022 मे हम पर 128.41 लाख करोड़ रुपये कर्ज है लेकिन आपको जानकर बेहद आश्चर्य होगा कि जब मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार जून 2014 में देश को मोदीजी के सहारे छोड़कर गई थी तब तक देश के ऊपर कुल कर्ज मात्र 54.90 लाख करोड़ रुपए था यानि आजादी के 67 सालो में यानी महज 55 लाख करोड का कर्ज था….. और मोदीजी के मात्र 8 साल के राज में 73 लाख करोड़ का कर्ज़…क्या ऐसे ही बनेगा नया इंडिया…..मार्च 2019 के अंत में सरकार पर 84.68 लाख करोड़ का कर्ज था और आज हम मार्च 2022 में खडे है यानि 36 महीने में सरकार ने 42 लाख करोड़ रुपए का ऋण ले लिया यानि हर महीने एक लाख करोड़ से भी अधिक का ऋण सरकार ले रही है, बेशक कोरोना काल इसमें शामिल हैं लेकिन आप यह भी देखिए कि इसी दौरान पैट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर सरकार ने कई लाख करोड़ भी कमाए हैंअब आप समझ पाएंगे कि क्यो मोदी सरकार सार्वजनिक संपत्तियों, सरकारी कंपनियों और देश मे उपलब्ध संसाधनों को जल्द से जल्द बेच देने की जल्दी मचा रही है…. दरअसल जिस व्यक्ति पर कर्ज़ गले तक आ जाता है तो उसकी सबसे पहली नजर पुरखों की जोड़ी हुई संपत्ति पर ही होती हैं……!

भाजपा क़े 42 साल
का सफऱ…

भारतीय जनता पार्टी ने 6अप्रेल को अपना 42वां स्थापना दिवस मनाया है। वैसे, पार्टी ने भले ही 6 अप्रैल 1980 को आकार लिया हो, पर उसके संस्थापकों की पार्टी भारतीय जनसंघ आजादी के बाद ही अस्तित्व में आ गई थी। लेकिन एक समय जनसंघ का जनता पार्टी में विलय हो गया। इसके बाद कुछ ऐसा हुआ जिससे नई पार्टी भाजपा की नींव रखने में अहम भूमिका निभाई। वो 1980 का दौर था। जनता पार्टी ने ‘दोहरी सदस्यता’ पर अंतिम निर्णय लेने के लिए 4 अप्रैल 1980 को बैठक बुलाने का फैसला किया। वाजपेयी और आडवाणी ने घोषणा कर दी कि 5 और 6 अप्रैल को जनसंघ की एक रैली होगी। इधर जनता पार्टी की बैठक में 14 के मुकाबले 17 वोटों के बहुमत से राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने निर्णय लिया कि जनता पार्टी का कोई सदस्य आरएसएस का भी सदस्य नहीं हो सकता। आडवाणी और वाजपेयी समेत जनसंघ के नेताओं ने इसे आभासी निष्कासन माना और आरएसएस को छोड़ने के बजाय जनता पार्टी को छोड़ने का फैसला लिया। अगर आडवाणी और वाजपेयी इस तरह जनता पार्टी से न निकाले जाते तो देश की सियासत शायद कुछ और करवट लेती….।बाद में जनता पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई शुरू होती है और पार्टी टूट जाती है। 1980 में देश के राजनीतिक पटल पर अस्तित्व में आती है भारतीय जनता पार्टी। जनसंघ के नेताओं ने जनता पार्टी छोड़ दी और 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी का गठन होता है। 31 अक्टूबर 1984 में श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या हो जाती है और सिख विरोध दंगे भड़क उठे। लोकसभा के चुनाव होते हैं और सहानुभूति लहर में कांग्रेस को जबर्दस्त जीत मिलती है और भाजपा अपने पहले चुनाव में केवल दो सीटें पाती है।लोकसभा में 2 से 303 सांसद का सफऱ भाजपा ने पूरा किया है।इसी तरह से लोकसभा चुनावों की बात करें तो 1984 में 2 सांसद थे। 1989 में 85, 1991 में 120, 1996 में 161, 1998 में 182, 1999 में 183, 2004 में 138, 2009 में 116, 2014 में 282 और 2019 के चुनाव में पार्टी के 303 सांसद जीतकर लोकसभा में पहुंचे।मोदी क़े नेतृत्व में देश में देश में 6अप्रेल को भाजपा का स्थापना दिवस मना… मोदी ने भी जनसंघ,भाजपा क़े लगभग सभी नेताओं को याद किया बस लालकृष्ण आडवाणी को छोड़कर…..?

वाह रे आजादी का
अमृत काल…..

सुबह सवेरे टीवी खोलो तो ऐसा लगता है जैसे हम श्रीलंका में रह रहे हों….. दोपहर को लगने लगता है कीव (यूक्रेन) में हमारा घर हो…..शाम को लगता है जैसे इस्लामाबाद (पाक ) की परेशानियां हमारी अपनी है …..फिर हिंदुत्व, गीता की पढ़ाई स्कूलों/कॉलेजों में, फिर पीएम का किसी न किसी रूप में संदेश… खैर देर शाम आईपीएल देख कर मन हल्का होने लगता है… घर बैठे बैठे मीडिया ने इतनी वैश्विक जिम्मेदारियां दे दी है कि घरेलू नून,तेल, मिर्च नींबू -सब्जी,डीजल -पेट्रोल राशन की महगाई और बढ़ती बेरोजगारी जैसी समस्याओं पर ध्यान ही नहीं जाता….वाह रे आजादी काअमृतकाल…

बाबा अभी भी
उम्मीद से….

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है…? हालांकि पंजाब में पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह को हटाकर चन्नी की ताजपोशी और बाद क़े चुनाव में पंजाब में आप की सरकार, चन्नी तथा सिद्दू की पराजय क़े बाद छ्ग में विस क़े चुनाव क़े पहले कॉंग्रेसआलाकमान कोई प्रयोग करेगा इसकी संभावना नहीं क़े बराबर है। हाल ही में प्रेस से बातचीत के दौरान टी एस बाबा ने अपनी एक अधूरी चाहत की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा, एक चाहत अभी बची हुई है….। उम्मीद है कि पूरी होगी? बातें हुई हैं सब कुछ सकारात्मक है….। जल्द डिलीवरी हो जाएगी…। समय आ गया है उसे अंजाम तक ले जाने का….।सिंहदेव ने कहा- ‘आप’ वाले आए थे… पर मैं कांग्रेस में हूं और बना रहूंगा, भाजपा वाले कभी मुख्यमंत्री नहीं बनाएंगे…?कांग्रेस की सरकार अपदस्थ कर पंजाब का सरदार बनी आम आदमी पार्टी (आप) छत्तीसगढ़ में भी सियासी खेला करने की गुंजाइश बना रही है। प्रदेश कांग्रेस के कद्दावर नेता और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से भी आप ने संपर्क साधा है। यह बात खुद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ही स्वीकार की है।रायपुर प्रेस क्लब के रूबरू कार्यक्रम में पत्रकारों से मुखातिब स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, आप के लोगों ने उनसे संपर्क किया है। लेकिन खुलकर कहता हूं कि सीएम केजरीवाल से मेरी मुलाकात कभी नहीं हुई है। राजनीतिक जीवन को लेकर एक सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, उनके पिताजी ने राजनीति में आने से मना किया था….। शायद यह बात उनके सरल व्यवहार को लेकर था। सीएम बनने को लेकर पूछे एक सवाल पर उन्होंने कहा, जो बनना था वह बन गया। कुछ बनना बाकी है, उसकी चर्चा होती रहती है, प्रयास जारी है। सिंहदेव ने कहा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जब उन्हें मंत्री बनाया तो अपना विभाग चुनने का अवसर दिया था…..।

गहन विवेचना… पूर्व विधायक
को आजीवन कारावास…

50 गवाह और 6 साल चले मुकदमे में पूर्व विधायक तथा हत्या क़े आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गईं है इस मामले में रायगढ़ तत्कालीन एसपी संतोष सिंह क़े नेतृत्व में उनकी टीम की गहन विवेचना प्रमुख आधार माना जा रहा है।इससे एक बात तो तय हो गईं है कि यदि जिले का कोई बड़ा अफसर (एसपी) तय कर ले और सही विवेचना कराये तो दोषी को सजा होने से कोई रोक नहीं सकता है भले ही वह कितना ही पवरफुल हो….रायगढ़ जिले के बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड मामले में ओडिशा के पूर्व विधायक अनूप साय को आजीवन कारावास की सजा हुई है। यह फैसला रायगढ़ के पंचमअपर सत्र न्यायाधीश कमलेश जगदल्ला ने सुनाया है। इस दोहरे हत्याकांड में मां और बेटी की हत्या की गई थी। यह घटना बीते 6 मई 2016 की है। इसमें अज्ञात व्यक्तियों ने मां और बेटी की रायगढ़ के संबलपुरी रोड जंगल में गाड़ी से कुचल कर हत्या कर दी गई थी। दोनों शवों के चेहरे बुरी तरह से कुचले जाने से उनकी पहचान नहीं हो पा रही थी। चक्रधर नगर पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी और काफी मशक्कत के बाद मार्च 2017 में मृतकों की शिनाख्त हुई। दोनों मृतिका की पहचान ओडिशा के ब्रजराजनगर निवासी मां बेटी के रूप में हुई। मामले की पतासाजी के बाद यह भी पता चला कि मृतका एडवोकेट थी। जब पुलिस ने अपनी जांच आगे बढ़ाई तो ओडिशा के कांग्रेस के पूर्व विधायक एवं तत्कालीन फूड कारपोरेशन के अध्यक्ष अनूप साय इसमें संलिप्त पाए गए। ऐसे में कड़ी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

और अब बस…

0नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने कॉंग्रेस मुक्त छ्ग बनाने की बात आखिर किस आधार पर की है…!
0 निलंबित एडीजी गुरविंदर पाल सिंह पंजाब विस चुनाव परिणाम जानने सुरक्षा टावर में चढ़ गये और जेल में कुछ लोग निलंबित हो गये।अब नये एफआईआर की तैयारी……
0 पुलिस मुख्यालय में पदस्थ एक बड़े अफसर क़े पास मात्र एक ड्राइवर और बँगले में एक ही सुरक्षा कर्मी तैनात है….?
0शिक्षा विभाग क़े किस अफसर से मंत्रालय तथा रायपुर जिले में पदस्थ शिक्षक परेशान हैँ…?
0चलो पेट्रोल डीजल की क़ीमत बढ़ने का सम्बन्ध युक्रेन रूस- युद्ध से जोड़ा जा सकता है पर नीबू 250/300 ₹ किलो होने पर क्या कहेंगे …..?
0पेट्रोल डीजल की क़ीमतों हाल ही में कुछ दिनों में 10₹लीटर की बढ़ोत्तरी पर एक अंधभक्त… हमें तो फर्क नहीं पड़ रहा है… पहले भी 100₹ का डलवाते थे अभी भी……!