अम्बिकापुरछत्तीसगढ़

पत्रकार कुमार जितेंद्र की पत्नी मिली अजजा आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नंद कुमार साय से…

संपादक जितेन्द्र जायसवाल के विरूद्ध झूठी शिकायतों को वापस कर जनसरोकार की पत्रकारिता करने में सहायोग हेतु लगाई गुहार..!

अंबिकापुर:- भारत सम्मान के प्रधान संपादक जितेन्द्र जायसवाल की पत्नी प्रिया जायसवाल ने प्रथम नेता प्रतिपक्ष नंद कुमार साय (पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, अजजा आयोग, भारत सरकार) से मिलकर उनके पति जितेन्द्र जायसवाल को पुलिस द्वारा दुर्भावना पूर्वक फर्जी मामलों में फंसाये जाने की लिखित शिकायत देकर फर्जी मामलों को वापस कराते हुए जनसरोकार की पत्रकारिता करने में सहायोग हेतु गुहार लगाते हुए आवेदन प्रस्तुत कर कार्यवाही की मांग है!

जानिए क्या है पूरा मामला…
संपादक जितेंद्र जयसवाल की पत्नी ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि मेरे नाम प्रिया जायसवाल पत्नि जितेन्द्र जायसवाल है एवं ग्राम- डिगमा, अम्बिकापुर की निवासी हूँ। मेरे पति द्वारा मुख्यतः अपराध एवं पुलिसिंग पर रिपोर्टिंग की जाती है। दिनांक- 08.04.2022 को मेरे पति जितेन्द्र जायसवाल को रास्ते से अगुवा किया गया जिसके संबंध में मेरा निम्न निवेदन है :

  1. यह कि मेरे पति जितेन्द्र जायसवाल द्वारा पंकज बेक कस्टोडियल डेथ 21 जुलाई 2019 में घटित हुआ था जिस पर मेरे पति द्वारा लगातार रिपोर्टिंग की जा रही है। दिनांक- 06.04. 2022 को उक्त मामले में अजजा आयोग छत्तीसगढ़ रायपुर में सुनवाई थी जिसमें पीड़ित पक्ष के साथ मेरे पति कवरेज करने गये हुए थे। आयोग में पेशी से बाहर निकलते ही कस्टोडियल डेथ के मुख्य आरोपी विनीत दुबे जो वर्तमान में रायपुर गुड़यारी थाना प्रभारी है, द्वारा मेरे पति एवं पीड़ित पक्ष को धमकाया था जिसका विडियों भारत सम्मान ने न्यूज बनाकर अपने सोशन मीडिया में दिनांक 07.04.2022 की मध्यरात्रि को डाला था। इस न्यूज के चलते ही अगले दिन मेरे पति जितेन्द्र जायसवाल को पुलिस द्वारा अगुवा कर लिया गया।
  2. यह कि मुझे एवं मेरी पुत्री जो 06 वर्ष की है जब गांधीनगर थाने में अपने पति से मिलने गये तो मुझे मिलने नहीं दिया गया एवं कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा यह कहा गया कि सुबह तक तम्हारा पति जिंदा रहा तो मिल लेना..” एवं मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के साथ मेरे पति की पिटाई करने के लिए लुण्ड्रा थाने में पदस्थ थाना प्रभारी दिलबाग सिंह को गांधीनगर थाने में बुलवाया गया था एवं सरगुजा पुलिस अधीक्षक स्वयं एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भी देर रात तक वहां मौजूद थे।
  3. यह कि मेरे पति द्वारा भारत सम्मान समाचार चलाने से जितने अपराधियों एवं भू-माफियाओं पर प्रकरण पंजीबद्ध हुआ था वे सभी अपने सहयोगियों एवं सह-अपराधियों के साथ डंडे-पत्थर लेकर मेरे पति को घेर लिया गया एवं जान से मारना चाहते है, उक्त मामले का विडियों भी सोशल मिडिया में वायरल हुआ है।
  4. यह कि मेरे पति के उपर एक ही दिन में दो अपराध पंजीबद्ध किय गये है एवं आज दिनांक तक कुल 6 अपराध द्वेष पूर्ण किया गया है। जिसमें अपराध क्र. 128 में शिकायतकर्ता जितेन्द्र सोनी ने खुद को कैन-विज एक चिटफंड कंपनी का मालिक बताया है, उक्त शिकायतकर्ता जितेन्द्र सोनी आ. नन्दू प्रसाद सोनी के उपर 2014 में सूरजपुर थाना में 420, 120बी, 34 का अपराध दर्ज है एवं जिस चिटफंड कंपनी के विषय में एफ. आई.आर. में उल्लेख किया गया है वह भी फर्जी कंपनी है तथा छत्तीसगढ़ में उसका कोई भी पंजीयन नहीं है, इतना ही नहीं उक्त कंपनी के मालिक कन्हैया लाल गुलाटी एवं अन्य पर उत्तर प्रदेश के बरेली में उपराध क्र. 0012/ 2021 अंतर्गत धारा 420, 406 आईपीसी 1860 दर्ज है, स्पष्ट है कि शिकायतकर्ता एवं उसकी कंपनी के मालिक दोनो पर 420 का अपराध पंजीबद्ध है। तथा मेरे पति पर अपराध दर्ज किया गया है उसका भी कोई पुख्ता साक्ष्य पुलिस के पास नहीं है।
  5. यह कि अपराध क्र. 0129 में शिकायतकर्ता प्रवीण कुमार अग्रवाल पिता श्री जोगीराम अग्रवाल है जिसे सरगुजा पुलिस द्वारा दिनांक 08.04.2022 को ही रात्रि 09 बजे बुलवाकर शिकायत लिया है, उक्त शिकायत में शिकायतकर्ता द्वारा स्वयं स्वीकार किया गया है कि उसके भाई विनोद अग्रवाल उर्फ मग्गू सेठ के साथ रहता है एवं उनके क्रशर में एक आदिवासी युवक की मौत हो गई थी जिसका समाचार मेरे पति जितेन्द्र जायसवाल द्वारा चलाया गया था उससे भी क्षोभ कारित हुआ था। जिससे यह साफ तौर पर स्पष्ट हो रहा है कि समाचार को दबाने के नाम पर वह मेरे पति को झूठे मामले में फंसाना चाहते है।
  6. यह कि हाल में ही क्रशर हत्याकांड वाले मामले में रायपुर से अजजा आयोग के अध्यक्ष एवं प्रशासन की टीम जांच हेतु विनोद अग्रवाल उर्फ मग्गू सेठ के क्रशर आई थी जिसका समाचार भी मेरे पति द्वारा प्रकाशित किया गया था एवं पुलिस प्रशासन के रवैय्ये पर भी गंभीर प्रश्न उठाये थे, जिससे क्षुब्ध होकर शिकायतकर्ता द्वारा मेरे पति के विरूद्ध झूठा आवेदन पुलिस से सांठगांठ करके किया गया है। इसी प्रकार ग्राम कुन्नी मामले में जब 06 वीं कक्षा की बच्ची से कुन्नी चौकी में पदस्थ एक पुलिसकर्मी एवं अन्य दो लोगों के साथ मिलकर सामूहिक बलात्कार का प्रयास किया गया था तब भी सरगुजा पुलिस अधीक्षक द्वारा अपने पुलिसकर्मी को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ा था जिसका खबर भी मेरे पति द्वारा चलाया गया था।
  7. यह कि दिनांक 19.04.2020 को भी मेरे पति एवं सामाजिक कार्यकताओं जो कि आदिवासीयों के हित में बोलते है उसके उपर पर भी कलेक्टर महोदय को जमीन दलाली संबंधित झूठी शिकायत किया गया है ताकि इन लोगो को मनोबल टूट जाये और कोई मदद के लिए आगे न आये।

आवेदन के अंत में आवेदिका प्रिया जायसवाल ने अनुरोध है कि मेरे पति जितेन्द्र जायसवाल के विरूद्ध किये गये संपूर्ण झूठी शिकायतों को वापस कराते हुए जनसरोकार की पत्रकारिता करने में सहायोग प्रदान करने की कृपा करें ताकि अपराधियों का मनोबल न बढ़ पाये और पीड़ितों को न्याय मिल पाये।