छत्तीसगढ़बिलासपुर

बिलासपुर में पटवारियों एवं अन्य कर्मचारियों के होने वाले ट्रांसफर में छत्तीसगढ़ शासन के आदेश की अवहेलना हो सकती है?

*छत्तीसगढ़ शासन का आदेश है कि 15 अगस्त 2021 के अथवा उसके पूर्व के कर्मचारियों के ट्रांसफर किया जाये।

एक साल से कम समय से पदस्थ पटवारियों एवं अन्य कर्मचारियों का भी हो सकता है ट्रांसफर?

प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर जिलाप्रशासन द्वारा किये जाने है ट्रांसफर?

कहि ऊपर में बैठे लोग आर्थिक हित तो नही साध रहे है माल लाओ और मलाईदार पोस्टिंग ले जाओ?

विपक्ष को बैठे बैठाये मिल सकता है मुद्दा,कई पटवारी,कर्मचारी हाईकोर्ट की शरण मे भी जा सकते है?

(पत्रकार गोविन्द शर्मा की रिपोर्ट)

रायपुर/बिलासपुर-: छत्तीसगढ़ शासन का एक आदेश 12 अगस्त 2022 को सभी विभागों,विभागाध्यक्ष,संभागायुक्त एवं कलेक्टर को भेजा गया जिसमें पत्र स्थानांतरण नीति वर्ष 2022 का जिसमे प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कलेक्टर द्वारा प्रभार वाले जिलों में इस नीति के तहत ट्रांसफर किये जायेंगे, ऐसा सूचना आ रही है कि प्रभारी मंत्री अपने अपने क्षेत्र में लिस्ट बनवा रहे है ?

छत्तीसगढ़ में ट्रासंफर का मौसम आने ही वाला है सभी प्रभारी मंत्री अपने अपने प्रभार वाले जिलों में लिस्ट की प्रक्रिया शुरू कर चुके है इसी से सम्बंधित सबसे महत्वपूर्ण विभाग राजस्व भी है जिसमे पटवारी ,आरा आई का भी थोक के भाव मे ट्रांसफर की खबर आ रही है वही कुछ सुर्खियो में रहने वाले पटवारी,आर आई जिनकी शासन स्तर पर काफी शिकायते हुई है कुछ निलंबित हुए वो सब इस समय अपने अपने स्तर में आर्थिक रूप से या अपनी एप्रोच दिखाकर वापसी का घर तलाशना शुरू कर चुके है और उनमें से बहुत से आ भी सकते है और उनके शहरी क्षेत्रो में आने का अंदेशा हो रहा है जिससे फिर से सरकार की किरकिरी हो सकती है और विपक्ष में बैठे राजनीतिक पार्टियों को बैठे बैठाये मुद्दा मिल सकता है आने वाला वर्ष वैसे भी चुनावी वर्ष है यदि शासन के आदेश नीति के विपरीत जाकर प्रभारी मंत्री या कलेक्टर ट्रांसफर करते है तो सरकार की किरकिरी होना निश्चित है ।

छत्तीसगढ़ के आदेश नीति के विरुद्ध यदि ट्रांसफर होता है तो बहुत से पटवारी,कर्मचारी हाईकोर्ट की शरण मे जा सकते है-:

छत्तीसगढ़ शासन के स्थानांतरण नीति 12 अगस्त 2022 के पत्र में साफ साफ लिखा है कि 15 अगस्त 2021 के अथवा उसके पूर्व के कर्मचारियों के ट्रांसफर किया जाये यदि इस आदेश के विपरीत किसी पटवारी,आर आई या कोई और विभाग के कर्मचारियों का ट्रांसफर किया जाता है तो इसमें से अधिकांश हाईकोर्ट की शरण मे जा सकते है जिससे सरकार की किरकिरी भी हो सकती है और आने वाले चुनावी वर्ष में सरकार को इसका नुकसान हो सकता है कुछ कर्मचारी एसोसिएशन भी शासन नीति के खिलाफ हुए ट्रांसफर के खिलाफ खड़े हो सकते हैजिससे सरकार को जवाब देते नही बनेगा?