छत्तीसगढ़बिलासपुर

कृषि विज्ञान केन्द्र बिलासपुर के तत्वाधान में प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन ग्राम धुमा में किया गया।

प्रक्षेत्र दिवस में किसानो को अलसी फसल के उत्पादन की दी महत्वपूर्ण जानकारी…वैज्ञानिकों ने कहा, कम लागत में हो किसानो को अधिक मुनाफा

बिलासपुर / कृषि विज्ञान केन्द्र बिलासपुर के तत्वाधान में भारत सरकार के सहयोग से प्रदर्शनों के प्रचार-प्रसार हेतु प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन ग्राम धुमा में किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को जागरूक करने के साथ ही कृषि विशेषज्ञ के द्वारा खेती को तकनीक से जोड़ना है, जिससे कम लागत के साथ ही किसानों को अधिक मुनाफा हो सके। कृषि विज्ञान केंद्र बिलासपुर के अंतर्गत कराए गए प्रदर्शनों को प्रचार प्रसार हेतु क्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। प्रक्षेत्र दिवस में ग्राम धुमा के लगभग 120 कृषकों ने भाग लिया। किसानों ने बताया कि सरकार द्वारा पहले खेती करने के लिए बीच ज्यादातर सरकार की तरफ से नहीं मिलता था। लेकिन गेहूं,चना,सरसों अन्य बीज बोने के लिये बाजार से खरीदना पड़ता था। लेकिन इस बार केंद्र सरकार के द्वारा कृषि विभाग में बीज भी दिया जा रहा है, साथ ही खेती की जानकारी भी दी जाती है।खेती कैसे करनी है इसकी भी प्रक्रिया पूरी बताई जाती है।
किसानों का तो यह भी कहना है कि आप कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा सब्जी बोने के लिए भी बीज दे रहे हैं जिससे किसान काफी खुश नजर आ रहा है। केंद्र सरकार हर तरह से किसानों के हित का कार्य करती नजर आ रही है।इस अवसर पर किसानो को अरका बीज पैकेट दिया गया..जिसमे टमाटर,मिर्च,बिन्सऔर बैगन के बीज थे…वही किसानो को अलसी की अच्छी खेती और अग्रिम प्रदर्शन को दिखाया गया..इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र की वैज्ञानिक डॉ शिल्पा कौशिक ने बताया कि भारत सरकार की यह बहुत महत्वकांक्षी योजना है। जिससे किसानों की इनकम दोगुना किया जा सके। इसी कड़ी में केवीके बिलासपुर अंतर्गत ग्राम धुमा के किसानों के बीच प्रक्षेत्र दिवस मना रहा है, जहां किसानों को पहले उपलब्ध कराए गए बीजों के प्रदर्शन की गुणवत्ता कृषि विशेषज्ञ द्वारा देखने के साथ ही कमियों के बारे में किसानों को अवगत कराना है, जिससे वह फसल से अधिक मुनाफा कमा सकें।डॉ कौशिक ने कहा की प्रक्षेत्र दिवस हर साल मनाया जाता है..लेकिन इस धुमा गाँव में करीब 20 साल बाद अलसी के खेती के लिए किसानो को प्रोत्साहित किया गया,अलसी की खेती को कैसे करे और प्राकृतिक तरीके से संरक्षित कैसे करे इसके बारे में गंभीरता से बताया गया वही किसानों को जल प्रबंधन के महत्व को भी बताया गया…
इसके बाद जयंत साव ने सब्जियों एवं अन्य फसलों में होने वाले कीटो को कैसे और किस तरह से रोके इस पर ध्यान दे…किसानो को कहा की फसल के बाद यह भी बहुत ज्यादा जरुरी है…केंद्र प्रभारी डॉ.एसपी सिंह ने मृदा स्वास्थ्य एवं समन्वित खाद प्रबंधन के बारे में जानकारी दी,एवं किसानो को बधाई देते हुए केंद्र के द्वारा हुए इस कार्यक्रम को सफल बनाया.वही डॉ.अजय प्रकाश अग्रवाल ने अलसी की खेती एवं गेंहू के किस्म 1029 की जानकारी दी,साथ ही किसानो को मुफ्त में अरका बीज दिया गया ,इसके बाद उन्होंने कार्यक्रम की जमकर सराहना की और किसानो को बधाई दी..वही डॉ.दिनेश पांडेय ने अलसी की खेती की जमकर सराहना करते हुए गेंहू के फसल के लिए भी सराहना की और किसानो को प्रोत्साहित किया…वही किसानों ने बताया कि उन्हें तिलहन,गेहूं का बीज पहले निशुल्क उपलब्ध कराया ही गया था, आज उन्हें सब्जियों के बीज भी निशुल्क उपलब्ध कराया गया, जिससे उनकी उपज बढ़ने के साथ ही लागत में कमी हो सके…इस मौके पर ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अनिता पात्रे ,केवीके से जयंत साहू और माधुरी मिंज और ग्राम धुमा से चैतराम यादव,हंसमुख कोठारी,दिलहरण पटेल,गणेश पटेल,मनीराम पटेलऔर बालाराम पटेल मौजूद रहे….