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संविदा कर्मचारीयो को अपराधियों की तरह सर कुचलने वाले पुलिस अधिकारियों का तत्काल हो निलंबन: आज़ाद मंच

रायपुर में आंदोलनरत बिजली विभाग के कर्मजारियों पे लात जूते लाठी बरसाते पुलिस अधिकारियों का वीडियो वायरल, आज़ाद मंच ने अमित शाह से की शिकायत।

ये अमानवीय है, गांधी के देश मे गांधी की पार्टी की सरकार ने गाँधी जी के मार्ग पे चलने वालों पे अंग्रेजों की तरह बर्बरता की: विक्रान्त तिवारी

संविदा कर्मचारीयो को अपराधियों की तरह सर कुचलने वाले पुलिस अधिकारियों का तत्काल हो निलंबन: आज़ाद मंच

कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पे लाठी चार्ज पे दिल्ली तक हल्ला करने वाले नेता अपने शासनकाल में आम लोगो को जूते के नीचे दबा के लाठियों से मार रहे हैं, क्यों? : विक्रान्त तिवारी

रायपुर(23-04-22), राजधानी में अपनी मांगों को लेकर अन्दोलन करने वाले बिजली विभाग के संविदा कर्मचारियों पे पुलिस की बर्बरता का वीडियो सोशल मीडिया में जैसे ही वायरल हुआ लोगों में उस अमानवीय मार पिट को देख कर रोष सामने आने लगा। इसपे अप्पति करते हुए कई लोगों ने इसे सोशल मीडिया के माध्यम से सामने रखा। वहीं आज़ाद मंच ने उस वीडियो के साथ देश के ग्रह मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री से उक्त पुलिस अधिकारियों और ऐसी कार्यवाही की शिकायत कर निलंबन की मांग ट्विटर के माध्यम से की।
आजाद मंच के प्रमुख विक्रान्त तिवारी ने कहा कि ये एक अमानवीय घटना है, जिस प्रकार से आंदोलनरत कर्मचारियों के सरों को पुलिस जूतों से कुचल रही है, उन्हें अपराधियो की तरह सर की पीछे हाँथ रखवा के लाठियों से बेतरतीबी से मारा जा रहा है ये सरकार की आम जनता के प्रति संवेदनशीलता को दिखाता है।
विक्रान्त ने कहा कि ये गाँधी का देश है, छत्तीसगढ़ में गाँधी जी की पार्टी की सरकार है जो खुद को गाँधीवादी बताने के लिए विज्ञापन भी देती है, वहाँ गांधी जी के बताए आंदोलन के रास्ते पर चलने वालों पर गांधी जी के नाम की राजनिति करने वाले लोगों द्वारा अंग्रेजों की तरह बर्बरता की जाना ये गाँधी जी का भी अपमान है।
विक्रान्त तिवारी ने बिलासपुर की उस घटना का उल्लेख करते हुए सवाल खड़ा किया की जब कांग्रेसियों पे लाठी चली थी तो रायपुर से दिल्ली तक हाहाकार मचा दिया गया था, आज जब काँग्रेस सत्ता में है तो आम जनता को जूते के नीचे दबा के लातों से मारना, लाठियों से पिटना ये सब क्यों किया जा रहा है? क्या कांग्रेसियों पे लाठी चलने के बाद जो माहौल बनाया गया वो सिर्फ नौटंकी था वो प्रशासन की क्रूरता के विरुद्ध नही था? और अगर वो प्रशासन के अत्याचार के विरुद्ध था तो उससे ज्यादा अत्याचार आज आम अन्दोलन रत कर्मचारियों पे हुआ है ऐसे अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए।

द्वारा,

विक्रान्त तिवारी
प्रमुख
आज़ाद मंच