
रायपुर,बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की संयुक्त टीम ने आज बड़ी कार्रवाई जारी रखते हुए आबकारी और डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड घोटाले से जुड़े मामलों में प्रदेश के करीब 20 ठिकानों पर दबिश दी है।
राजधानी रायपुर के साथ-साथ बिलासपुर, जगदलपुर, कोंडागांव और अंबिकापुर में अधिकारियों और बड़े कारोबारियों के घरों और दफ्तरों पर यह छापे सुबह तड़के शुरू हुए थे, जो अभी भी जारी हैं। इस कार्रवाई में पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास और बिलासपुर के कारोबारी अशोक टुटेजा समेत कई अहम नाम जांच एजेंसियों के रडार पर हैं।
ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीमें आबकारी घोटाला और डीएमएफ घोटाले से जुड़े सबूतों की तलाश में जुटी हैं।
प्रमुख निशाने पर : पूर्व आबकारी अधिकारी निरंजन दास के रायपुर स्थित ठिकानों और उनके 6 रिश्तेदारों के घरों पर बड़ी छापेमारी चल रही है।डीएमएफ घोटाले के मुख्य आरोपी कारोबारी हरपाल अरोरा के ठिकानों पर भी ईओडब्ल्यू की टीम पहुंची है।
अंबिकापुर में पशु विभाग के अधिकारी डॉ. तनवीर और कारोबारी अमित अग्रवाल के यहां भी जांच चल रही है। कोंडागांव और जगदलपुर में भी कई स्थानों पर दबिश दी गई है। दस्तावेजों की छानबीन जारी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जांच एजेंसियाँ इन ठिकानों से महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, और बेनामी संपत्ति से जुड़े कागजात खंगाल रही हैं। कई स्थानों पर सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती के बीच सर्च ऑपरेशन जारी है। इन घोटालों में कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों और कारोबारियों के बीच अवैध लेन-देन और भ्रष्टाचार के बड़े रैकेट की आशंका है।
EOW-ACB की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई ने प्रदेश के ब्यूरोक्रेट्स और बड़े कारोबारी वर्ग में हड़कंप मचा दिया है। माना जा रहा है कि इन छापों के बाद घोटाले से जुड़े और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
